सूचना

'सर्वहारा' में हिन्दी भाषा और देवनागरी लिपि में साहित्य की किसी भी विधा जैसे- कहानी, निबंध, आलेख, शोधालेख, संस्मरण, आत्मकथ्य, आलोचना, यात्रा-वृत्त, कविता, ग़ज़ल, दोहे, हाइकू इत्यादि का प्रकाशन किया जाता है।

बुधवार, 18 दिसंबर 2013

ग़ज़ल


जबसे मुझे तुझसे प्यार हुआ ।
सारी दुनिया से बेज़ार हुआ ।

क्यों हुआ तेरा इतना दीवाना,
न वादा,कसम,इक़रार हुआ ।

हर तेरी मुलाक़ात से पहले,
दिल हर पल बेक़रार हुआ ।

मिलकर भी रहे हम अनजाने,
तेरी आँखों से ये इज़हार हुआ ।

अब क्या कहें तुझसे ऐ बेख़बर,
हालात का हर पल दीवार हुआ ।

न हासिल तू हुआ पर चर्चा,
गली,मुहल्ला,बाज़ार हुआ ।



मोहसिन तन्हा’ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें