जबसे मुझे तुझसे प्यार हुआ ।
सारी दुनिया से बेज़ार हुआ ।
क्यों हुआ तेरा इतना दीवाना,
न वादा,कसम,इक़रार हुआ ।
हर तेरी मुलाक़ात से पहले,
दिल हर पल बेक़रार हुआ ।
मिलकर भी रहे हम अनजाने,
तेरी आँखों से ये इज़हार हुआ ।
अब क्या कहें तुझसे ऐ बेख़बर,
हालात का हर पल दीवार हुआ ।
न हासिल तू हुआ पर चर्चा,
गली,मुहल्ला,बाज़ार हुआ ।
मोहसिन ‘तन्हा’
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