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बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

कविता


कविता
मैं नहीं लौटना चाहता बचपन में
मेरा बचपन 

तुम लौट जाना चाहते होगे बचपन की ओर
अपने वर्तमान जीवन की
चिंता, निराशा, ख़तरों को देखकर
या यूँ ही ज़माने के कहन की तर्ज़ पर ।

मैं नहीं लौटना चाहता अपने बचपन में
क्योंकि उन दिनों के चेहरे
संकट से बड़े विकृत थे ।
समय की गति भी बड़ी धीमी थी
जिसने बहुत पीड़ा देकर
और भी अधिक समय लगाकर
हमारे दु:खों को अधिक दिनों तक
सहने पर मजबूर किया ।

याद आते हैं कभी मुझे
बचपन के वो दिन
तो मैं अपने ही मन के कोने में
हाथों में मुँह छिपाए बैठता हूँ सहमकर
कि जैसे मुझे कोई अपराध पर ग्लानि हो
और अक्सर जब बचपन के आते हैं सपनें
तो नींद में भी दरार पड़ जाती है
और रात का ख़ाली वक़्त
टूटे-टूटे अधूरे विचारों और चिंताओं
के मलबे में दब जाता है ।

मैं बहुत डरता हूँ बचपन के उन दिनों से
और लौटना भी नहीं चाहता उन दिनों में
मेरा बचपन, मेरे बचपने में ही
मेरे भीतर मर गया था,
मेरे पिता से उधारी चुकवाने के लिए
आए उन लोगों की माँगने की
आवाज़ों की नोकों से,
जो मेरे भीतर अक्सर
मुझे छेदते हुए उतर जाती थीं ।
मेरा बचपन मर गया
या हत्या हुई नहीं मालूम ?
पर मेरे पिता मेरे बचपन को  
ज़िन्दा रखना चाहते थे,
सहेजना चाहते थे,
कम पैसों में
लेकिन उन्हें क्या मालूम था
वो मरी चीज़ों को
जीवित व्यर्थ कर रहे थे ।
मैंने मेरे पिता के कान्धों का बोझ
और चेहरे की शिकन को
पढ़ा और सहा था,
मुझसे पहले के तीन भाई-बहनों का ख़र्च
और अपने पर होने का ख़र्च
सब हिसाब जोड़कर
मैं अपने हिस्से में अभाव रखकर
उनके लिए पैसे बढ़ा देता था ।

मेरी माँ मेरे लिए कपड़े खरीद लाती थी
किसी भारतीय मुस्लिम से
जो पाकिस्तान होकर आता था
और वहाँ से रेडीमेड उतरनें लाता था
मैं उन उतरनों को नया जानकार पहनता रहा
फिर भी भीतर पता था यह उतरनें हैं ।

मेरी माँ भी मेरे बचपन को बचाती रही
अपना सारा ज़ेवर बेचकर,
सहेजना चाहा मेरे बचपन को
पर मेरा बचपन तो मर गया था
और दफ़्न हो गया था
मेरे पिता के परिवार को दी गयी
उस बिना फ़रियाद की रहमत की ज़मीन
और छत के बीच में ।

मैं नहीं लौटना चाहता बचपन में
और न ही जन्म देना चाहता हूँ
एक और बचपन को
जो बचपन तो जी लेगा ठीक से
लेकिन युवा होकर माँगेगा
वही सारे सपने जो मैंने बचपन में देखे थे
और तब मेरा बूढ़ापा
फिर से बदल जाएगा एक डरावने बचपन में ।  
मोहसिन  ख़ान
सहा.प्राध्यापक हिन्दी
जे.एस.एम. महाविद्यालय,  
अलीबाग़ (महाराष्ट्र)
मो. 09860657970
Khanhind01@gmail.com