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बिछड़े दोस्तों के नाम
‘मेरा यह पैग़ाम’
न तुमने कभी याद किया,
न हमने कभी याद किया ।
न हम भूले कभी तुम्हें,
न तुम भूले कभी हमें ।
पर न जाने वो कौन सी शै है ,
जिसने दूर किया हमें,
न जाने दिल की वो कौन सी डोर है,
जो करती रही हमें कमज़ोर ।
गुज़रे ज़माने की सब बातें,
वक़्त के साथ फीकी पड़ती रहीं,
अब नए दौर की नई आफ़ते हैं ।
तुम भी हमारी तरह मुड़ गए वो मौड़,
जहाँ से सारे रास्ते बदल जाते हैं,
हम पीछे छूट जाते हैं,
और समझते हैं,
बहोत आगे निकल आए हैं ।
पर ऐ दोस्त ! मुसाफ़िर भी इक दिन,
आपस में टकराते हैं,
बिना पूछे ज़हन उनका पता भी देता है,
हम तो आख़िर दोस्त हैं,
कभी तो हमें नाइत्तेफ़ाकी में भी मिलना होगा,
तब शायद हम मिलेंगे इक दिखावे के साथ,
लेकिन दिल और ज़हन बराबर हमें,
अपनी बदली हुई तस्वीर को दिखा रहा होगा
और अंदर से आ रही होगी आवाज़,
सब झूँठ और दिखावा है ।
तुम लौट जाओगे अपने घर,
अपनी दुनिया में,
बीवी बच्चों की खुशियों में,
कुछ दिन सोचोगे और
भूल जाओगे,
क्योंकि
अब तुम भी और हम भी,
दुनियादारी सीख गए हैं,
अब फ़ुरसत नहीं दोस्तों के लिए,
वो अब दुनिया भी न रही,
वो बातें, वादे भी नहीं रहे याद,
चलो ख़ैर कोई बात नहीं,
वक़्त अच्छा गुज़ारा था हमने साथ !!!
मोहसिन 'तन्हा'
न तुमने कभी याद किया,
न हमने कभी याद किया ।
न हम भूले कभी तुम्हें,
न तुम भूले कभी हमें ।
पर न जाने वो कौन सी शै है ,
जिसने दूर किया हमें,
न जाने दिल की वो कौन सी डोर है,
जो करती रही हमें कमज़ोर ।
गुज़रे ज़माने की सब बातें,
वक़्त के साथ फीकी पड़ती रहीं,
अब नए दौर की नई आफ़ते हैं ।
तुम भी हमारी तरह मुड़ गए वो मौड़,
जहाँ से सारे रास्ते बदल जाते हैं,
हम पीछे छूट जाते हैं,
और समझते हैं,
बहोत आगे निकल आए हैं ।
पर ऐ दोस्त ! मुसाफ़िर भी इक दिन,
आपस में टकराते हैं,
बिना पूछे ज़हन उनका पता भी देता है,
हम तो आख़िर दोस्त हैं,
कभी तो हमें नाइत्तेफ़ाकी में भी मिलना होगा,
तब शायद हम मिलेंगे इक दिखावे के साथ,
लेकिन दिल और ज़हन बराबर हमें,
अपनी बदली हुई तस्वीर को दिखा रहा होगा
और अंदर से आ रही होगी आवाज़,
सब झूँठ और दिखावा है ।
तुम लौट जाओगे अपने घर,
अपनी दुनिया में,
बीवी बच्चों की खुशियों में,
कुछ दिन सोचोगे और
भूल जाओगे,
क्योंकि
अब तुम भी और हम भी,
दुनियादारी सीख गए हैं,
अब फ़ुरसत नहीं दोस्तों के लिए,
वो अब दुनिया भी न रही,
वो बातें, वादे भी नहीं रहे याद,
चलो ख़ैर कोई बात नहीं,
वक़्त अच्छा गुज़ारा था हमने साथ !!!
मोहसिन 'तन्हा'
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